तू जब भी मेरे आस पास होती है
खुशियाँ बदहवास होती है
तेरे जाने पे महक रह जाती है
तनहाई भी फिर लाजवाब होती है
जिस तौर भी रक्खे मुझे मेरा खुदा
एक तू है तो हर कमी दूर होती है
तेरे चेहरे\का बस नूर ही काफ़ी है
कहाँ फिर रौशनी की कमी होती है
तुझसे ही नज्म् बनती है मेरी
तेरे बारे मैं ही हर घज़ल् होती है
इन बहारों का क्या करूँ मैं मेरे सनम
इनमे कहाँ तुझसी कशिश होती है
इक जनम मैं ही हज़ार बार जीलें
किसे अगले जनम की खबर होती है ।
खुशियाँ बदहवास होती है
तेरे जाने पे महक रह जाती है
तनहाई भी फिर लाजवाब होती है
जिस तौर भी रक्खे मुझे मेरा खुदा
एक तू है तो हर कमी दूर होती है
तेरे चेहरे\का बस नूर ही काफ़ी है
कहाँ फिर रौशनी की कमी होती है
तुझसे ही नज्म् बनती है मेरी
तेरे बारे मैं ही हर घज़ल् होती है
इन बहारों का क्या करूँ मैं मेरे सनम
इनमे कहाँ तुझसी कशिश होती है
इक जनम मैं ही हज़ार बार जीलें
किसे अगले जनम की खबर होती है ।
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