मिली मायूसी,कभी तन्हाई
कभी बेरुखी, कभी बेवफाई
हुआ सुरूर, हुए मगरूर
हुए बद्नाम,कभी मशहूर
कभी चले,कभी रुके
कभी डूबे,कभी उभरे
झूठे वादे, कई इरादे
कोई निशानी,कितनी परेशानी
कभी इंतज़ार, कभी तलाश
मिली मय, रही प्यास
कभी सिमटे, कभी बिखरे
ढूँढा खुदको, मिले टुकड़े
कभी सोचे, कभी समझे
कई जस्बात, कितने खर्चे
हुई इन्तेहा, सब लुटा
खाली दिल, मेरा रहा
तेरे इश्क में!!
कभी बेरुखी, कभी बेवफाई
हुआ सुरूर, हुए मगरूर
हुए बद्नाम,कभी मशहूर
कभी चले,कभी रुके
कभी डूबे,कभी उभरे
झूठे वादे, कई इरादे
कोई निशानी,कितनी परेशानी
कभी इंतज़ार, कभी तलाश
मिली मय, रही प्यास
कभी सिमटे, कभी बिखरे
ढूँढा खुदको, मिले टुकड़े
कभी सोचे, कभी समझे
कई जस्बात, कितने खर्चे
हुई इन्तेहा, सब लुटा
खाली दिल, मेरा रहा
तेरे इश्क में!!
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