मैं क्यूँ सोउं ?
जब खुली आँखें ही
ख़्वाब तेरे दिखलाती है
जब बिन सोये ही रात कट जाती है
क्यूँ मैं अपना वक़्त बर्बाद करूँ
क्यूँ न जागते हुए ही ख़्वाबों कजो आबाद करूँ ?
मैं क्यूँ सोउं?
जब खुली आँखें ही
ख़्वाब तेरे दिखलाती है
जब बिन सोये ही रात कट जाती है
क्यूँ मैं अपना वक़्त बर्बाद करूँ
क्यूँ न जागते हुए ही ख़्वाबों कजो आबाद करूँ ?
मैं क्यूँ सोउं?
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