उम्र गुज़र जाए ना कहीं इंतज़ार में
कुछ तो क़रार दिल-ए -बेक़रार में
नसीब मेरा ए खुदा मेरे खून-ए -जिगर लिख
डाल उनको मेरी बाहों मैं या मुझको मज़ार में .
कुछ तो क़रार दिल-ए -बेक़रार में
नसीब मेरा ए खुदा मेरे खून-ए -जिगर लिख
डाल उनको मेरी बाहों मैं या मुझको मज़ार में .
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