कितनी अजीब ये जंग होती है
ये जंग बरसों तक चलती है
कभी आंसू बन टपकती है
सूनी कलायिओं पे सजती है
किसी बाप के खोये हुए ख़्वाबों में भटकती है
किसी माँ की सूनी गोद भरती है
जंग स्टॉक मार्केट के इंडेक्स पे दिखती है
कभी राशन के बिल में चमकती है
बरसों बाद भी खाली मैदानों में फटती है
जंग अब जंग के मैदानों तक सीमित नहीं
ये हर गाँव हर शहर हर गली में गरजती है
जंग इंसान की समझदारी की तौहीन है
फिर भी
दुनिया के हर कोने में ये तौहीन होती है
जंग कभी ख़त्म नहीं होती
हर जंग एक नयी जंग का बीज बोती है!
ये जंग बरसों तक चलती है
कभी आंसू बन टपकती है
सूनी कलायिओं पे सजती है
किसी बाप के खोये हुए ख़्वाबों में भटकती है
किसी माँ की सूनी गोद भरती है
जंग स्टॉक मार्केट के इंडेक्स पे दिखती है
कभी राशन के बिल में चमकती है
बरसों बाद भी खाली मैदानों में फटती है
जंग अब जंग के मैदानों तक सीमित नहीं
ये हर गाँव हर शहर हर गली में गरजती है
जंग इंसान की समझदारी की तौहीन है
फिर भी
दुनिया के हर कोने में ये तौहीन होती है
जंग कभी ख़त्म नहीं होती
हर जंग एक नयी जंग का बीज बोती है!
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