Thursday, July 26, 2012

ये रात वो रात नहीं

दिल में कोई जस्बात नहीं
ये रात है या रात नहीं?
अँधेरा तो है बाहर
पर सितारों की बारात नहीं
बादल है घने आसमां में
पर हो रही बरसात नहीं
नींद गहरी हैं आँखों में
मगर हो रही मुलाक़ात नहीं
तेरी याद है
तेरी काली आँखें हैं
तेरी जुल्फों के साये हैं
तेरी मुस्कान की रौशनी
तेरी खुशबू भी है नशा भी
पर तू साथ नहीं
शायद ये रात वो रात नहीं  ।

No comments:

Post a Comment