Sunday, February 19, 2023

अंधकार

अंधकार 


सच, निश्रोत, निडर

हर तरफ हर ओर

आदि अनंत


अंधकार

जो आंखों का मोहताज नहीं

जिसे सूर्य या चंद्रमा कोई दरकार नहीं

कोई चाह नहीं, कपट नही

कभी तोड़ा कोई वचन नही

जो जुदा होकर कभी जाता नहीं

किसीने किया इसका निर्माण नहीं 

कोई कर सकता विनाश नहीं

शून्य है, शांति है

अंधकार।।

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