दर्द!!
एक एहसास जिससे हर कोई दूर भागना चाहता है। हर कोई इससे घबराता है।
मगर ये दर्द ही है जो जन्म से लेकर अंत तक साथ रहता है,
शोर मचाता साथ आता है और उन आखरी लम्हों तक साथ निभाता है!
नवजात शिशु की भूख का दर्द ही मां में ममता जगाता है।
दोस्ती का मोहब्बत का वो पहला एहसास दर्द ही करवाता है।
इंसान अपना हाथ किसी और के लिए तब बढ़ाता है, जब किसि का दर्द उसका दिल तोड़ जाता है।
सोचो ये दर्द न होता तो कौन जख्मों पे मरहम लगाता? अगर अंधेरे से चीख न निकलती तो क्या कोई दीप जलाता? अगर प्यासी धरा का दर्द अंबर न समझता तो क्या वो जल बरसाता? अगर जुदाई में दर्द न होता तो क्या मिलन का कोई वजूद रह जाता?
कहते हैं की खुशि बांटो तो बढ़ती है, सच है की हर खुशी दर्द के कोक से जनम लेती है!!
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