Sunday, February 19, 2023

आज की रात!!

कुछ तो बात है आज की रात मे,

तू नही है फिर भी तेरी महफिल है,

तेरी सांसों की महक,

तेरी धड़कन की सरगाम,

तेरी खामोशी का शोर,

तेरे होठों के जाम,

तेरे इशारों पे चलते लम्हे,

न कटते हैं ना थमते हैं,

बस बांध के रखा है मुझे,

जैसे कोई ग़ज़ल हो,

जिसका मिसरा भी तुम हो और मुकम्मल भी तुम!


आज की रात न गुजरती है, ना ठहरती है, 

आज की रात!

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